रोज़ाना खबर ब्यूरो
भारत सरकार ने पहली बार मिनिस्ट्री ऑफ कोऑपरेशन का गठन किया है। ये मंत्रालय देश में सहकारी समितियों के उत्थान के लिए काम करेगा और सहकारी समितियों को मजबूत करेगा। ये केंद्र सरकारी की समुदाय आधारित विकास योजनाओं को मजबूती देने का काम करेगा। सरकार ने सहकारिता आधारित आर्थिक विकास का मॉडल देश के लिए बहुत जरूरी बताया। मंत्रालय की तरफ से इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि जो सहकारी संस्थाएं हैं उनके लिए ईज ऑफ डुइंग बिजनेस हो सके। सरकार ने इसके लिए “सहकार से समृद्धि तक” का मंत्र दिया है। यानी सहकार के जरिये समृद्धि आएगी इसलिए एक नया मंत्रालय का गठन किया गया है।
सहकारिता मंत्रालय की योजना
मंत्रालय सहकारी समितियों को जमीनी स्तर तक पहुंचाने वाले आंदोलन को मजबूती देगा।
सरकार इस मंत्रालय के जरिये सहकारी समितियों को जमीनी स्तर तक पहुंचाने का काम करेगी।
इसके जरिये को-ऑपरेटिव्ज यानी सहकारी समितियां लोगों से गहराई से जुड़ सकेंगी।
इसके अलावा मंत्रालय सहकारी समितियों के लिए ईज ऑफ डुइंग बिजनेस को आसान बनाएगा।
मल्टी-स्टेट को-ऑपरेटिव्ज (एमएससीएस) के विकास को बेहतर करने के लिए काम करेगा।
बजट घोषणा का हिस्सा
अलग सहकारिता मंत्रालय का गठन वित्त मंत्री की ओर से की गई बजट घोषणा का हिस्सा था। वित्त मंत्री ने बजट में अलग सहकारिता मंत्रालय को लेकर बजट में घोषणा की थी। ऐसे में सरकार ने इसे लेकर अपना वादा पूरा किया है। वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय कोऑपरेटिव मूवमेंट को मजबूती देने के लिए एक अगल प्रशासनिक, कानूनी और नीतिगत फ्रेमवर्क उपलब्ध कराएगा।
