रोजाना खबर-पहली वार्ता ब्यूरो
साउदी अरब के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या ने पूरे विश्व की नाक में दम कर दिया था। मानवता के अधिकारों की पैरवी करने वालों की साउदी ने एक नहीं सुनी थी। अब खशोगी की तरह ही पाकिस्तान के प्रसिद्ध पत्रकार अरशद शरीफ की मौत का मामला पाकिस्तान के लिए बड़ा सिर दर्द बनता जा रहा हैं।
अभी-अभी ग्रे लिस्ट से बाहर हुआ पाकिस्तान अतंराष्ट्रीय स्तर पर पत्रकार की मौत को लेकर सुर्खियां बटौर रहा हैं। हर तरह से प्रसिद्ध पत्रकार अरशद शरीफ मौत के कारणों की जांच करने की बात कहीं जा रही हैं और पाकिस्तान पर निष्पक्ष जांच दवाब बनाया जा रहा है।
भारत के पड़ोसी के लिए नया सिरदर्द प्रतीत होती प्रसिद्ध पाकिस्तानी पत्रकार अरशद शरीफ की हत्या के मामले में इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के डीजी मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार और इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अहमद अंजुम रावलपिंडी में एक साथ आए थे। विवादास्पद हत्या के बारे में विस्फोटक विवरण प्रकट करने के लिए एक दुर्लभ प्रेस कॉन्फ्रेंस की। अपनी आलोचनात्मक रिपोर्टिंग के लिए कथित रूप से जान से मारने की धमकी मिलने के बाद छिपकर रह रहे शरीफ की 24 अक्टूबर को केन्या में कानून प्रवर्तन ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। एक खोजी पत्रकार, वह पाकिस्तान की सरकार के मुखर आलोचक थे।