रामचरितमानस पर नीतीश कुमार अपने मंत्री के बयान से सहमत नहीं है?

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भावना वर्मा/रोज़ाना खबर

नीतीश कुमार ने आज पहली बार इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि किसी भी धर्म के बारे में इस तरह का बयान देना, उस पर टिप्पणी करना बिल्कुल गलत है और ऐसा नहीं होना चाहिए। इसका मतलब साफ है कि नीतीश कुमार कहीं ना कहीं अपने मंत्री के इस बयान से सहमत नहीं है।

बिहार के शिक्षा मंत्री डॉ चंद्रशेखर के रामचरितमानस को लेकर की गई टिप्पणी को लेकर राज्य में राजनीतिक बवाल लगातार जारी है। डॉ चंद्रशेखर राजद कोटे से नीतीश कैबिनेट में शामिल हैं। हालांकि, उनके बयान को लेकर राजद भी बैकफुट पर नजर आ रही है। दूसरी ओर गठबंधन में शामिल जदयू लगातार चंद्रशेखर से माफी की मांग कर रही है। इन सब के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज पहली बार इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि किसी भी धर्म के बारे में इस तरह का बयान देना, उस पर टिप्पणी करना बिल्कुल गलत है और ऐसा नहीं होना चाहिए। इसका मतलब साफ है कि नीतीश कुमार कहीं ना कहीं अपने मंत्री के इस बयान से सहमत नहीं है।

नीतीश कुमार से चंद्रशेखर के बयान पर सवाल पूछा गया था। उन्होंने कहा कि धर्म के मामले में किसी को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। सब अपने तरीके से धर्म का पालन करते हैं। सभी धर्मों को इज्जत मिलनी चाहिए। जिसको जिनकी पूजा करनी है, वह करें। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अब तो डिप्टी सीएम ने भी कह दिया है। आपको बता दें कि चंद्रशेखर के बयान को लेकर भाजपा जबरदस्त तरीके से राज्य और नीतीश सरकार पर हमलावर है। वहीं, दूसरी ओर जदयू का आरोप है कि चंद्रशेखर के इस बयान से भाजपा को फायदा होगा। यही कारण है कि ज्योति उन्हें भी चंद्रशेखर से उनके बयान पर माफी की मांग कर दी है।

चंद्रशेखर के बयान पर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि संविधान देश की सबसे पवित्र किताब है। देश संविधान से चलता है। संविधान में क्या है? संविधान में हर धर्म का सम्मान करने के बारे में बताया गया है। हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव अपनी पार्टी राजद और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दल जदयू के नेताओं के बीच हाल में हुए वाकयुद्ध के बारे में पत्रकारों के सवालों पर भड़क गये। उन्होंने सोमवार को उल्टे पत्रकारों से ही पूछ लिया कि उनके संगठनों में संपादक चीजों को तय करते हैं या संवाददाता संपादकों को बताते हैं कि क्या करना है।

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